दिल्ली में एक महिला के
साथ गैंग रेप की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने
राजधानी को हिला कर रख दिया। सराय काले खां इलाके में इस भयानक वारदात को अंजाम
दिया गया, जिसमें एक महिला के साथ बेरहमी से सामूहिक
बलात्कार किया गया और फिर उसे मरने के लिए सड़क के किनारे फेंक दिया गया। इस घटना
ने ना सिर्फ दिल्ली को झकझोर दिया, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर
दिए।
घटना की
शुरुआत
यह 10 और
11 अक्टूबर 2024 की दरम्यानी रात की बात है। दिल्ली के सराय
काले खां इलाके में अंधेरा और खामोशी थी। आमतौर पर चहल-पहल से भरा रहने वाला इलाका
अब शांत था। आधी रात के आसपास, एक कबाड़ व्यापारी प्रमोद, जो
सेंट्रल दिल्ली में एक छोटी सी दुकान चलाता था, अपने
सामान को समेट रहा था। वह उस रात ज्यादा शराब पी चुका था और लड़खड़ा रहा था।
प्रमोद ने देखा कि सड़क
के किनारे एक महिला लाल कुर्ता पहने बैठी थी। वह महिला कुछ विचलित लग रही थी।
प्रमोद ने नशे में धुत होकर उस महिला को बहला-फुसलाकर एक सुनसान जगह पर ले गया और
उसके साथ दरिंदगी करने लगा।
दरिंदगी का
सिलसिला
प्रमोद की दरिंदगी के
बीच एक और व्यक्ति वहां पहुंच गया। वह शमशुल नाम का एक भिखारी था, जो
इलाके में नशे में धुत रहने के लिए जाना जाता था। उसने प्रमोद को महिला के साथ
बलात्कार करते देखा और वह भी इसमें शामिल हो गया। दोनों ने मिलकर महिला को पास की
एक सुनसान जगह पर घसीटकर उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया।
रात ढलती जा रही थी जब
प्रभु महतो नाम का एक ऑटो चालक वहां से गुजरा। उसने भी महिला को देख लिया और
प्रमोद और शमशुल के साथ मिलकर उसने भी महिला के साथ बलात्कार किया। इसके बाद प्रभु
ने महिला को अपने ऑटो में बैठाकर दूसरी सुनसान जगह पर ले गया और वहां फिर से उसके
साथ बलात्कार किया। अंत में, उसने महिला को सराय काले खां के पास सड़क के
किनारे फेंक दिया।
पुलिस की
जांच और गिरफ्तारी
रात के लगभग 3:15
बजे, एक राहगीर,
जो एक आर्मी अफसर था, ने
दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल किया और सड़क किनारे गंभीर रूप से घायल महिला की
जानकारी दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया।
महिला ने अपने साथ हुए हादसे के बारे में टूटी-फूटी जानकारी दी, जिससे
पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले।
डिप्टी पुलिस कमिश्नर
रवि कुमार ने मामले की जांच के लिए दस विशेष टीमें बनाई। उन्होंने सराय काले खां
और आसपास के इलाकों के 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।
आखिरकार, 21 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, पुलिस
को आरोपियों का सुराग मिल गया और तीनों आरोपी प्रमोद, शमशुल
और प्रभु महतो गिरफ्तार कर लिए गए। पूछताछ में उन्होंने अपने जुर्म को कबूल किया।
समाज के लिए
संदेश
यह घटना महिलाओं की
सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को उजागर करती है। दिल्ली पुलिस ने अपनी
मेहनत और समर्पण से आरोपियों को पकड़कर पीड़िता को इंसाफ दिलाने का महत्वपूर्ण कदम
उठाया है। यह समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज
उठाए और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करें। इस
घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में ऐसी दरिंदगी के
खिलाफ क्या कदम उठाए जाने चाहिए और कैसे हम अपने शहरों को महिलाओं के लिए सुरक्षित
बना सकते हैं।
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